बिमला रावर सक्सेना

अगर यह सब कविता है
तो मैं भी कवि हूँ |

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आदमी तो सब जगह हैं

जीवन की परिधि

मैं और मेरी ज़िन्दगी

किसकी पनाहों में

फुलवारी बाल-गीतों की

ख़ज़ाना ज़िन्दगी का

झरोखे जीवन के

मंज़िलें और भी हैं

पथिक गीत गाते जाओ की

अनुभव

भटके मेरा मन बंजारा

पुरवा की शहनाई

गुनगुनी धुप सी यादें

कल्पनाओं के क़ाफ़िले

ज़िन्दगी और मुखौटे

प्रतिध्वनि

अप्रकाशित पुस्तक